Sunday, May 17, 2015

कपिल शर्मा का कामेडी नाइट्स इतना सफल क्यों है ? The reasons behind the success of Kapil Sharma's Comedy Nights

आखिर क्यों कपिल शर्मा का कामेडी नाईट्स  इतना लोकप्रिय है ???
कपिल शर्मा की नेशनल टीवी पर पहली एंट्री 2007 में ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज थर्ड में हुई थी जिसका कपिल विजेता बना। फ़ाइनल में पुराने  सीजन के विनर भी बैठे थे। इनमे पिछले सीजन का विनर  पाकिस्तानी कामेडियन रौफ लाला भी था। कपिल ने अपने पंजाब पुलिस के इन्स्पेक्टर हरपाल के रोल में रौफ लाला की ज़बरदस्त खिंचाई की खासकर वो डायलाग "हाँ भाई लाला बड़ी तोप दिखा रहे हो आजकल इस तोप को छिपा कर रखा करो नहीं तो कोई तोड़ देगा इसे । यहाँ तक कि पाकिस्तानी कामेडियन की नर्वसनेस और बेचारगी  कैमरे पर साफ़ दिखाई दी। वहां से जबर्दस्त फेमस हुआ कपिल शर्मा कामेडी सर्कस में आया। 2013 में कपिल ने टीवी पर कामेडी नाईट लांच किया पहले ही एपिसोड में फिल्म स्टार धर्मेन्द्र इस शो पर एज अ गेस्ट आये एपिसोड काफी मनोरंजक बना तो एक किकस्टार्ट इस शो को मिला ज़बरदस्त टीआरपी इस शो को मिली।
आइयें इन्ही कुछ कारणों पर चर्चा करें ।
     1--यह शो अब भले ही स्तरीय न रहा हो कुछ कमियाँ हो लेकिन एक बात है कपिल के हुनर को कोई नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता। कपिल में  तुरन्त बुद्धि और हाज़िर ज़वाबी की ज़बरदस्त प्रतिभा है जिसकी वज़ह से कपिल की एक फैन फोलोविंग बनी और बाकी सभी कामेडियन की दुकान बंद हुई हैं। कपिल के हर एपिसोड में कुछ लाज़वाब पंच होते है जो स्वाभाविक लगते हैं और स्क्रिप्टिड नहीं लगते भले ही हों भी।
   2--इस शो के ज्यादातर रिपीटीड एक्ट के मुकाबले कुछ एक्ट और करैक्टर अभी भी रोचक हैं इन्स्पेक्टर हरपाल और बिट्टू का भाई सिट्टू जो गुंडा है दोनों में कपिल की कामेडी लाज़वाब होती है। सुनील ग्रोवर का चड्ढा डीजे समेत सारे किरदार जिसमे वो पुरुष की भूमिका में होता है और कीकू का लच्छा व चन्दन प्रभाकर द्वारा निभाया जाने वाला पडोसी चड्ढा साहब का किरदार अभी भी अच्छा लगता है।
3--पंजाब केसरी अखबार की तरह यह शो भी क्रिकेट, फिल्म, अश्लील चुटकुलेबाजी का ज़बरदस्त काकटेल है हिन्दुस्तानी जनमानस का ऑब्सेशन है क्रिकेट और फिल्में और कैमरे पर दिखने की ललक। ज्यादातर हिन्दुस्तानी क्रिकेटरों को एक्ट करते देखना चाहते है ये अलग बात है कि वो अभिनय ही सही से न कर पाए। इसी लिए इनकी घटिया एक्टिंग वाले विज्ञापन भी हिट रहते हैं।
4-- शो का फोर्मेट जो संयोग से ऐसा बन गया है इसका सेट एक साधारण निम्न मध्यमवर्गीय परिवार का ड्राइंगरूम है। जो अति सामान्य लोग गा नहीं सकते ढंग से नाच नहीं सकते खुल कर डायलाग नहीं बोल सकते। तमाम परेशानियों के बावज़ूद यह वर्ग अंतर्मन में दबी इच्छा रखता है कि उसके घर हाई प्रोफाइल लोग मेहमान बन कर आयें और वो अपने स्पेस में अपने ड्राइंग रूम में उनके साथ कैजुअली बिहेव करे। कपिल शर्मा का लुक भी कोई हैण्डसम नहीं साधारण कद चेहरा मोहरा आम दर्शक इससे खुद को रिलेट करता है। दीपिका पादुकोण को कैजुअली दीपू कहता फ्लर्ट करता देख खुद को महसूस करता है।
5--सबसे महत्वपूर्ण कारण फ़िल्मी सितारें क्यों ये अभद्रता बर्दाश्त करते हैं। वो कलाकार हैं और अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए आये हैं उनका बहुत कुछ दांव पर लगा होता है कपिल के शो की एक अच्छी खासी टीआरपी है एक फैन फोलोविंग है ये हस्तियाँ वहाँ कपिल के साथ कम्फर्टेबल दिख कर उस फैन फोलोविंग को चारा डाल रहे होते है। घटिया जोक पर इसलिए लोटपोट हो रहे होते है जिससे लगे कि फिल्म जिसके प्रमोशन के लिए आये हैं वो सेकेंडरी काम है उसकी चिंता नहीं है हिट जायेगी फिल्म बेफिक्र बिंदास जैसे वोटिंग के बाद और मतगणना के पहले नेता और एग्जाम के बाद और रिजल्ट से पहले परीक्षार्थी शो करता है। यही चीज़ जनमानस में विज्ञापन का प्रभाव छोडती है। जिस एक्ट पर अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसे बड़े लोग लोटपोट हो रहे हैं तो वाकई इसमें कुछ हँसने लायक होगा। जबकि ये कलाकार अपनी फिल्म के सफल प्रमोशन के लिए सिर्फ अभिनय कर रहे होते हैं जो इनका काम है।
6--कामेडी नाइट्स विद कपिल का ज़िक्र समोना चक्रवर्ती के दमदार अभिनय के बिना अधूरा है। समोना यानि कपिल की पत्नि मंजू का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री । मंजू का किरदार इतनी अच्छी तरह से निभाया है समोना चक्रवर्ती ने कि ये लगने लगता है कि ये कपिल शर्मा की असल पत्नी हैं। मुझे शुरूआती एपिसोड में यही लगा कि शायद ये आपस में पति पत्नी ही हैं। क्योंकि कपिल ने एक टीवी कार्यक्रम में पहले भी समोना के साथ काम किया है। हालांकि जिस तरह उस का इस शो में मज़ाक उड़ाया जाता है बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता फिर भी समोना के दमदार अभिनय और करैक्टर में घुसने के ज़िक्र के बिना ये पोस्ट पूरी नहीं होगी।
जैसे तमाम इन्फेक्शन और बीमारियों की आशंका के बीच वनस्पति घी से बनी आलू टिक्की और ख़राब पानी से बने गोल गप्पों व् ठेला चाट को नज़रंदाज़ करना मुश्किल है उसी तरह कपिल का शो भी आकर्षित करता है।

कामेडी नाइट्स विद कपिल शर्मा की फूहड़तायें।

कपिल शर्मा का फूहड़ शो  पिछले दो साल में कैसे इतनी लोकप्रियता हासिल करता रहा कोई ढंग की स्क्रिप्ट नहीं ज्यादातर एक्ट बोर करते हैं जिसकी बेहूदगियों की कोई सीमा नहीं।
 नमूना देखिये:-
1.नींव फेम अली असगर जैसे बेहतरीन कलाकार के लिए काम है क्रॉसड्रेसर के रोल में एक दादी का रोल करना बोरिंग अले लेलेले करके प्रमोशन के लिए आये मेल स्टार्स को चूमना।
2.कपिल का हर दूसरे या तीसरे एपिसोड में जीभ निकाल कर सफ़ेद विग लगाकर "अले मगज माले" बोलते हुए एक बुढिया का बोरिंग करैक्टर प्ले करना।
3.सुनील ग्रोवर जैसा जबरदस्त कामेडी आर्टिस्ट का बारबार गुत्थी का करैक्टर बन के आना। एक मूर्खता के अंदाज़ में इंट्रोडक्शन देना । एक मेल एक्टर द्वारा एक एक लजाती सकुचाती सस्ती फैलने वाली लिपस्टिक लगाने वाली और दो चोटी बाँधने वाली लड़की का रोल एक अच्छी एक्टिंग हो सकती है पर इतनी मनोरंजक नहीं कि हर एपिसोड में 20 मिनट कोई ये अदाकारी झेल सकता मूर्खों के अलावा।
4.इसी तरह उपासना सिंह का बुआ के रोल में हर मेल एंट्री के साथ फ्लर्ट करना और एक फूहड़ कुंवारी मिड एज लेडी के रूप में बोर करना हर बार नहीं झेला जा सकता
5. सस्ते और कई बार खुद पेमेंट करके रोल लेने वाले असफल अभिनेताओं को साईन करना जिन्हें ढंग की जगह एक्स्ट्रा का भी रोल न मिले जैसे रज़ाक खान और राहुल महाजन एक दो और भी हैं राहुल महाजन को भी साड़ी पहना देना।
6.बाबाजी के ठुल्लू पर दो स्टेटस पहले लिखा ही जा चुका है।
7.भारतीय परिवार के बुआ और दादी जैसे सम्मानित रिश्तों का मज़ाक उड़ाना इन्हें शराबी और ठरकी दिखाना इनके लिए कमर में मुक्का या कोहनी मार दूंगा जैसे अभद्र डायलाग बोलना।
8.अपनी बीवी के कैरेक्टर का बेहूदगी की सीमा तक जाकर अपमान करना जैसे बड़े ओंठ छोटा कद गरीब परिवार।
9 ऑडियंस का भी अपमान करना ऑडियंस में आयी महिलाओं के साथ फ्लर्ट और उनके साथ आये पुरुषों की बेईज्ज़ती करना।
10. जो लोग डांस नहीं कर सकते या अच्छा नहीं गा सकते उन्हें ही मंच पर बुलाने के लिए सेलेक्ट करके उनकी नाकामी व फूहड़ता को  टीवी पर दिखाने के लालच में राष्ट्रीय चैनल पर उन्हें तमाशा बनाना।

फिर भी कपिल का शो क्यों इतना लोकप्रिय है इस पर अगली पोस्ट में ??

A big Question mark over BaBaJi Ka Thullu ?? बाबाजी का ठुल्लू के क्या मायने हैं ?

इट्ज नॉट अ ठुल्लू इट्ज़ अ बिग क्वेश्चन मार्क ओवर बाबाजी का ठुल्लू।
कुछ दिन पहली बात है एक भद्र महिला को साऊथ दिल्ली की एक बड़ी महंगी सी टॉय शॉप में अपनी दो ढाई साल की क्यूट सी बेटी के साथ देखा। सुपर मोडर्न मॉम बेटी को पिछले दो साल से फेमस हुआ ठूल्लू बनाना सिखा रही थी बेटी ने ठुल्लू बनाया और साथ में खड़े परिवार के बाकी लोग वहाँ मौजूद बाकी लोगों के साथ भी बड़े खुश हुए एक मै ही कुढ़कर रह गया।
 मेरे बचपन में लगभग पांच साल की उम्र में मैंने भी यही स्नेक जेस्चर अपनी चाची की तरफ बनाया था तो मेरी परदादी ने मुझे लगभग डांटने के भाव में बताया था हाय ! ऐसे नहीं करते। वहां से मन में बैठ गया कि कुछ भी हो ये भाव भंगिमा कोई खुश होने की चीज़ नहीं है इसमें ज़रूर कुछ गलत है।
आखिर इस ठूल्लू के मायने क्या है ?
मेरी परदादी हमें बचपन में एक कहानी सुनाती थी उसका सारांश यह है एक बहेलिये ने एक गौरेया पकड कर पिंजरे में बंद कर लिया। वहां से गुजरने वाले हर आदमी ने क्रन्दन करती गोरैया को देखकर उसे छोड़ने की अपील उस बहेलिये से की पर वो नहीं माना । एक घुड़सवार ने भी कहा भाई तू मेरा घोडा लेले पर इस चिड़िया को मुक्त कर दे पर वो नहीं माना। ऐसे ही एक हाथी वाले ने कहा भाई मेरा हाथी लेले ये पर चिड़िया को छोड़ दे वो फिर भी नहीं माना। अंत में एक बाबाजी आये उन्होंने उन्होंने भी एक बार छोड़ने को कहा वो नहीं माना तो उन्होंने सोटे से उस बहेलिये को मारना शुरू किया और उस गौरेया को छुडवाया। वो गौरैया पास की डाल पर बैठ कर गाने लगी
"हाथी घोड़े बुरे लगे"
"बाबाजी के सोटे भले लगे"
यहाँ से कहावत शुरू हुई बाबाजी के सोट्टे की । येही है बाबा जी या महात्मा जी का सोटा या खुळा या डंडा या दंड कई बार इसका ऊपरी भाग कई बार सांप के फन के आकार में होता है। शायद यहीं से बाबाजी का सोटा का प्रतिरूपण हाथ से सांप के फ़न के जेस्चर रूप में हुआ होगा। जिस तरह मिडिल फिंगर उसी तरह ये स्नेक जेस्चर भी अपने आप में एक बहुत अभद्र  इशारा है। कपिल शर्मा द्वारा दिखाया जाने वाला ठुल्लू  बाबाजी वाली कहानी वाला ठुल्लू नहीं है इसका मतलब वही है जिस अर्थ में हम कहते हैं "घंटा !"। यानि मेल ऑर्गन को शो करना। पुरुषवादी आक्रामकता अंग्रेजी में कहें तो "फक्क यू "
हमारे बचपन में हमें कोई भी गलत आचरण या गाली के लिए डांट पड़ती है पर आजकल  बिना अर्थ समझे  छोटे बच्चे बच्चियों को बेझिझक  सिखाया जा रहा है। ????